Wednesday, September 22, 2010

भाषा फ्रिज में जमा हुआ पानी नहीं है- शशि शेखर


आजकल हिंदी भाषा मात्र कवियों और विचारकों की भाषा बनकर रह गई है, मैं इस बात से बिल्कुल सहमत नहीं हूं और मुझे नहीं मालूम यह किसका तर्क है। क्योंकि हिंदी से कविताएं या तो पलायन के कगार पर हैं या हो रही हैं। हिंदी भाषा में जो सबसे बड़ा बदलाव आ रहा है वो हिंदी भाषा का एसएमएसीकरण से हो रहा है। क्योंकि इस भाषा में शब्दों को इस तरह परोसा जाता है जिसके कारण उनका स्वरूप ही बदल जाता है। भाषा एक प्रवाह की तरह है यह फ्रिज में जमा हुआ पानी नहीं है। भारत का पहला हिंदी न्यूज चैनल आज तक जिसने सफलता के मुकाम को छुआ था वो गुजरात में भी नंबर एक पोजीशन पर है। जम्मू में सबसे ज्यादा हिंदी के अखबारों को प्रमुखता दी जाती है। पंजाब में भी हिंदी अखबारों की यही स्थिति है। अगर कोई हिंदी में होने वाले परिवर्तन को लेकर, हिंदी के अस्तित्व पर सवाल उठा रहा है तो वह सिर्फ कट्टरता फैलाकर उसका लाभ उठा रहा है।
लेखक शशि शेखर,हिंदुस्तान अखबार के संपदक हैं 

साभार - 

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