Friday, October 8, 2010

मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास में हिन्दी दिवस

विश्व में 75 करोड़ लोग हिन्दी बोलते हैं। इस आंकड़े में वे लोग भी शामिल हैं, हिंदी जिनकी मातृभाषा नहीं है। रूस में भी कई लोग हिंदी  सीखते हैं और हिंदी बोलते भी  हैं। इसलिए, हैरानी की कोई बात नहीं है कि प्रतिवर्ष मास्को में मनाए जाते हिंदी दिवस में बहुत से रूसी लोग भी भाग लेते हैं। इस बार  भारतीय दूतावास में हिंदी के कई अध्यापक, कई अनुवादक,  विशेषज्ञ और छात्र-छात्राएँ इकट्ठा हुए।रेडियो रूस के कई कर्मी भी वहाँ पहुँचे हुए थे जिनमें हमारी संवाददाता तात्याना कोपिलोवा  शामिल थीं। भारतीय राजदूत श्री प्रभात शुक्ला जी ने एकत्र हुए युवाओं और युवतियों तथा रेडियो रूस के कर्मियों और श्रोताओं को अपनी शुभकामनाएँ दीं।
 रूसी लोग हमेशा ही भारत में, उसकी संस्कृति में गहरी दिलचस्पी लेते रहे हैं। रूस के कई उच्च शिक्षा संस्थानों, जैसे मास्को राजकीय विश्वविद्यालय, मास्को अंतराष्ट्रीय संबंध संस्थान, व्यावहारिक प्राच्य विद्या संस्थान और राजकीय आर्ट्स युनिवर्सिटी के अलावा जवाहर लाल नेहरू सांस्कृतिक केंद्र में भी हिंदी पढ़ाई जाती है।
मास्को में कुछ ऐसे विशेष स्कूल भी हैं जहाँ बच्चों को 9-10 साल की उम्र से ही हिंदी पढ़ाई जाती है। किसी विदेशी के लिए हिंदी भाषा को सीखना कोई आसान काम नहीं है। कोई भी विदेशी भाषा सीखने के लिए केवल इच्छा और क्षमता की ही नहीं बल्कि बड़े धैर्य और दृढ़ता की अति आवश्यकता होती है। हाँ, तो इसके लिए अच्छी पाठ्यपुस्तकों और प्रतिभावान शिक्षकों की भी ज़रूरत होती है। मास्को विश्वविद्यालय के अंतर्गत एशिया-अफ्रीका संस्थान की अध्यापिका प्रो. ल्युदमिला ख़ख्लोवा ने अपनी पढाई के वर्षों को याद किया और उस समय की आज के समय से तुलना की।
भारतीय दूतावस में मनाए गए हिंदी दिवस के  दौरान रूसी युवकों और युवतियों को हिंदी बोलते सुनकर हमें बेहद खुशी हुई। क्सेनिया नाम की एक छात्रा ने तो सभी को चकित कर दिया। उसने हिंदी में लिखी अपनी कविता सुनाकर लोगों को मंत्र-मुग्ध कर दिया।हिंदी दिवस समारोह के दौरान कई रूसी कवियों और लेखकों की रचनाओं के हिंदी अनुवाद  भी सुनने को मिले। महान रूसी कवि अलेक्सांदर पुश्किन को भला कौन नहीं जनता है? ! उनकी कविता  - मुझे याद है वो अद्भुत क्षण!  का अति सुन्दर अनुवाद किया है, हिंदी भाषा के विद्वान, प्रो. मदनलाल मधु जी ने। मधु जी भी वहाँ उपस्थित थे! लेकिन इस कविता को एक रूसी युवती आन्ना ज़खारोवा ने अपनी  मनमोहक आवाज़ में सुनाया।

सौजन्य - 
http://hindi.ruvr.ru/2010/10/07/24642388.html
वीडियो : http://hindi.ruvr.ru/data/2010/10/07/1223557510/indidivas.mp3

1 comment:

  1. आभार इस जानकारी के लिए
    regards

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