Monday, September 13, 2010

राजभाषा हिन्दी पर कुछ नोट्स

आपने  बहुत से संस्थानों के लिफ़ाफ़ों  पर छपा देखा होगा कि हिंदी  दुनिया की तीसरी बड़ी भाषा है जबकि हक़ीक़त यह है कि अंग्रेज़ी के बाद हिंदी ही विश्व की दूसरे नंबर पर सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। चीनी भाषा को दूसरे स्थान पर माना गया है पर शुद्ध चीनी भाषा जानने वालों की संख्या हिंदी जानने वालों से काफ़ी कम हैं। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विदेशियों में हिंदी भाषा सीखने और जानने वालों की संख्या में गुणात्मक वृद्धि हो रही हैं। इसके ठीक विपरीत हमारे अपने देश में बच्चे दूसरी कक्षा से ही, जब उन्हें क ख ग सिखाया जाता है, हिंदी के नाम पर नाक-भौंह सिकोड़ना शुरू कर देते हैं - क्या कभी हमने जानने और जाँचने की कोशिश की कि ऐसा क्यों होता हैं?
लेखिका डॉ.कविता वाचक्नवी 
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